नोएडाः ग्रेटर नोएडा में अथॉरिटी की लापरवाही के चलते बिसरख गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के आदेश के बाद भी नोएडा अथॉरिटी अपनी नींद तोड़ने को तैयार नहीं है। मंदिर की देखरेख में जुटे संत नोएडा में ऑफिस के चक्कर लगाने के मजबूर हैं।
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इस प्राचीन शिव मंदिर के पास एक गौशाला भी है जिसमें लगभग 200 गायों का पालन और पोषण किया जाता लेकिन नोएडा प्रशासन ने इस पर भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है और गौशाला की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। मंदिर के श्री महंत राम दास का कहना है कि वे कई बार गौशाला और मंदिर तक श्रद्धालुओं के आने के लिए सड़क का निर्माण कराया जाए लेकिन अभी तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई है और अब दबंगों की नजर मंदिर की जमीन को हड़पने पर लगी हुई है।
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इस प्राचीन शिव मंदिर की स्थापना लंकापति रावण के पिता ऋषि विश्वा के द्वारा की गई थी। ऐसी मान्यता है कि यहां पर मौजूद ज्योतिर्लिंग जमीन से स्वत: ही प्रकट हुआ था। रावण और ऋषि विश्वा यहीं पर महाकाल की आराधना करते थे। बता दें पृथ्वी पर अगर अष्टभुजी शिवलिंग कहीं है तो वो ऋषि विश्वा की तपोस्थली और रावण की जन्मभूमि बिसरख में ही है।
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गांव में नहीं होता रामलीला का आयोजन
बिसरख गांव में रामलीला का आयोजन नहीं किया जाता है और न ही रावण का पुतला दहन। बताया जाता है कि काफी समय पहले गांव में रामलीला का आयोजन किया गया था। इस दौरान एक शख्स की गांव में मौत हो गई और रामलीला अधूरी रह गई। इसके बाद से इस गांव में कभी भी रामलीला का आयोजन नहीं किया गया और न ही रावण के पुतले का दहन किया गया।
इस प्राचीन मंदिर शिव मंदिर की दैयनीय दशा को देखते हुए अब आम लोगों ने सरकार से मांग की है इसकी भव्यता को बरकार रखा जाए और जल्द से जल्द यहां पर सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था की जाए। बता दें कि योगी सरकार में मंदिरों की देखरेख के लिए बजट का आवंटन किया जाता है लेकिन नोएडा प्रशासन की लापरवाही के कारण ये प्राचीन शिव मंदिर इस दैयनीय स्थिति में पहुंच चुका है।