ग्रेटर नोएडा के लगभग 40 गांव के किसानों ने एक बार फिर से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।
किसानों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण उनके साथ धोखा कर रहा है, किसानों ने मीडिया को बताया कि जब 61 दिनों तक धरना दिया गया था तो प्राधिकरण ने किसानों की मांग को जांच कर पूरा करने के लिए एक कमेटी को गठिते करने का आदेश दिया गया था। लेकिन शासन से मिले आदेश के बाद कमेटी को गठित करने के फैसले को वापस ले लिया गया है।
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ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के फैसले के विरोध में किसान काफी गुस्से में हैं और उन्होंने 18 जुलाई से एक बार फिर धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
किसानों ने लगाया वादों से मुकरने का आरोप
किसानों के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लगभग 40 गांव के किसानों ने 61 से अधिक दिनों तक नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। लेकिन इस बार मांग पूरी होने तक धरना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।
क्या थी किसानों की मांग?
61 दिनों से अधिक दिनों तक किसानों द्वारा किए धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों की मांग थी कि किसनों के लिए 10% आबादी प्लॉट, 17.5% कोटा प्लॉट, बच्चों के लिए रोजगार, 120 वर्ग मीटर के न्यूतम क्षेत्र का प्लॉट, सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा शामिल है।
अधिकार नहीं मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष
किसानों के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने कहा कि ये संपत्ति हमारे पूर्वजों की है और इस पर हमारा अधिकारा है और इस प्रकार प्राधिकरण के मनमाने रवैया को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्राधिकरण को हम किसानों का भविष्य अंधकार में डालने का हक नहीं है।